Sunday 3 February 2013

कोमल और भाभी



मेरा नाम राजन है। मैं लुधियाना (पंजाब) का रहने वाला हूँ। मेरी आयु तेईस साल है। मैं पहली अपने साथ बीती को पाठकों के सामने पेश करना चाहता हूँ।


यह तब की बात है जब मैं बारहवीं में था, नवम्बर की। हमारे घर के पड़ोस में एक भाभी रहती थी उनसे मेरी खूब बनती थी। वहीं हमारे पड़ोस में एक खूबसूरत लडकी कोमल भी रहती थी।  

वह जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी। जब भी मैं उसकी संतरे जैसी चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। स्कर्ट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुँह में पानी आ जाता था। वह कभी भी अपने होंठों पर लिपस्टिक नहीं लगाती थी, फिर भी उसके होंठ गुलाबी लगते थे। हर वक्त उसके होंठों को चूसने का दिल करता था।


वो भी भाभी के पास खूब आया जाया करती थी। मुझे वो बहुत प्यारी लगती थी। धीरे धीरे कोमल मेरे से भी बहुत बातें करने लगी। हम दोनों की खूब बनने लगी।


एक दिन मैंने भाभी से उसके साथ मित्रता करवाने के लिए कहा। पहले तो भाभी ने थोड़ी आनाकानी की पर बाद में कुछ सोच कर बोली- पूछ लूँगी !


मैं अगले दिन जब भाभी के पास गया तो मैंने भाभी से पूछा- आपने उससे बात की?
तो भाभी ने कहा- मैं क्यों करूँ? मेरा क्या फायदा?


मैंने कहा- आप मेरे भाभी हो ! आप मेरी मदद नहीं करोगी तो कौन करेगा?
मैंने कहा- आपको क्या चाहिए? आप जो मांगोगी मैं आपको दूंगा।


तो वो बोली- पक्का?
मैंने कहा- हाँ ! पक्का !
वो बोली- उसने हाँ कर दी !
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ।


तब मैंने भाभी से कहा- उसे बुला दो ! मैंने उससे बातें करनी हैं।
भाभी मेरी उत्सुकता समझने लगी थी तो भाभी ने उसे बुला दिया।
उसने गुलाबी सूट पहन रखा था, जिसमें वह बहुत सुंदर लग रही थी।
वो आई, मेरे से खूब बातें की।


तभी भाभी बोली- तुम दोनों बैठो ! मैं दुकान से दूध लेकर आती हूँ।
भाभी को वहाँ जाकर आने में तक़रीबन बीस मिनट लगने थे।
कोमल भाभी के जाते ही मेरे और पास आ गई।
मैंने कहा- मुझे जफ्फी डालनी है !


तो उसने फ़ौरन मुझे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने आगे बढ़कर उसके हाथों को चूम लिया, फिर उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया तो उसकी गर्म साँसे महसूस हुई जोकि काफी तेज चल रही थी।


मुझे भी जोश आने लगा मैं उसके होंठों को चूमने लगा। धीरे धीरे उसको भी जोश आने लगा और वो भी मेरे साथ प्यार करने लगी। उसके होंठों को मैं करीब दस मिनट तक चूसता रहा हूँगा। वह भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसकी चूचियों पर आ गए।


जब मैंने उसकी चूचियों को हाथों से दबाया तो वह सिसिया कर बोली- नहीं 
राजन , आज नहीं ! आज मुझे बहुत डर लग रहा है।


मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा। कुछ देर बाद उसके बदन पर केवल पैंटी और छोटी सी ब्रा ही बच गई। फिर मैंने उसके गले पर चूमते हुए उसके पीछे जाकर ब्रा के हुक खोल दिए।


वाह ! क्या नज़ारा था। वह मेरे सामने लगभग नंगी खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं इसके साथ क्या करूँ !


वह केवल सर झुकाए खड़ी थी।
फिर मैं आगे जाकर उसकी चूचियों को धीरे धीरे मसलने लगा जिस कारण उसके छोटे-छोटे से चुचूक कड़े लगने लगे। उसके चुचूकों को मैं अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे उसके मुँह से सी…सी….की आवाजें आने लगी। मैं समझ गया कि अब वह गर्म होने लगी है।
फिर अचानक मैंने उसका हाथ अपने 8 इंच खड़े लण्ड पर महसूस किया, वह उसे पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।


मैंने फट से अपनी पैंट और अंडरवियर खोल दिया। वह मेरे लण्ड को आगे पीछे कर रही थी और मैं उसके चूचियों को बारी बारी से चाट रहा थ। फिर मैंने उसे घुटने के बल बैठाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। पहले तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर कोमल ने अपने कोमल होंठ मेरे लण्ड पर रख दिए। फिर धीरे धीरे उसे अपने मुँह में अन्दर बाहर करने लगी। पहली बार कोई मेरे लण्ड को अपने मुँह से चाट रही थी। मानो एक अजीब सी दुनिया में अपने आपको महसूस कर रहा था।


धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी। एक समय ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने फट से लण्ड को बाहर निकाला और कोमल को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को उतार दिया। उसकी बिना बाल वाली चिकनी चूत को देखकर मैं बेकाबू हो गया। मैंने उसकी बूर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बूर में डाल दी जिससे उसकी सिसकारियाँ निकल पड़ी। धीरे धीरे उसकी बूर से पानी रिसना शुरू हो गया। मैं अपना मुँह उसकी बूर पर रखकर चाटने लगा। कभी कभी अपने जीभ उसके बूर में भी डाल देता जिससे वह चीख पड़ती।


तभी एकदम से भाभी आ गई …


उन्होंने हमें देखा और डाँटने लगी। हम दोनों ने फटाफट कपड़े पहने। भाभी ने कोमल को घर जाने को कहा। कोमल डर के मारे घर चली गई।


भाभी मुझे समझाने लगी।


वो बोली- ऐसे काम किसी भी समय करने के नहीं होते ! यह तो मैं थी ! अगर कोई और आ जाता तो क्या करते तुम दोनों?


तो मैंने पूछा- तो कब करते हैं?
भाभी बोली- रात को !


मैंने सोचा कि भाभी को हमें मिलाने में कोई आपत्ति नहीं है, मैंने तब जान कर पूछा- भाभी, रात को कहाँ?


वो बोली- यहीं पर ! जब तेरे भईया न हो ! वो हफ्ते में एक दिन दिल्ली जाते हैं कम्पनी के काम के लिए ! तब रात को कोमल ही मेरे पास सोती है, तब कर लेना तुम दोनों।
मैंने कहा- ठीक है !
फिर मैं घर चला गया।


अगले दिन जब मैं भाभी के घर गया तो वो बोली- तुम्हारा काम आज रात को हो जाएगा ! तेरे भैया आज ही दिल्ली जा रहे हैं।
तो मैंने कहा- मैं कितने बजे आऊँ?
भाभी ने कहा- दस बजे !
मैंने कहा- ठीक है।


मैंने घर में दोस्त की पार्टी का बहाना बनाया और पूरे दस बजे भाभी के घर आ गया।
भाभी ने मेरे आते ही अन्दर से कुंडा लगा लिया।
मैंने पूछा- भाभी ! कोमल नहीं आई?
वो बोली- उसने कहा था, पर आई नहीं अभी तक !
वो बोली- आ जाएगी ! इतना तड़पता क्यों है?


मैंने कहा- नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं ! मैं इन्तज़ार कर लेता हूँ।
मैं और भाभी बातें करने लगे। फिर 11 बजे मैंने भाभी से कहा- भाभी, वो अभी तक नहीं आई?
भाभी बोली- पता नहीं !


तब फ़िर भाभी बोली- लगता है कि वो आज नहीं आयेगी।
तो मैंने कहा- भाभी, मैंने घर में पार्टी का बहाना बनाया है ! कम से कम एक बजे तक मुझे यहाँ रुकना पड़ेगा !


वो बोली- कोई बात नहीं ! तू यही रह जा ! हम दोनों बातें करते हैं !
फिर मैं और भाभी बातें करने लगे।


भाभी ने मुझसे दिन वाली बात पूछते हुए कहा- मैं तो तुम्हें भोला समझती थी ! तुम तो बहुत तेज निकले?


मैंने जानबूझ कर भाभी से कहा- भाभी ! मैंने क्या किया?


तो भाभी मुझे छेड़ते हुए बोली- पन्द्रह-बीस मिनट में तूने उसे बिलकुल नंगी कर दिया और उसकी चूत पर आ गया ? वाह ! तू कमाल है।


तो मैंने शर्म से मुँह नीचे कर लिया।
तो वो बोली- मुझसे क्यों शर्माता है? मैं तेरी भाभी हूँ।


फिर वो बोली- तेरा औजार बहुत बड़ा है ! इतना तो तेरे भाई का भी नहीं।
मैं समझ गया भाभी की बातें ! कि उन्हें मेरा लौड़ा चाहिए !


तो मैं भी शरारती स्वर में बोला- भाभी ! आपको कैसा लगा?
तो भाभी बोली- मेरा दिल तो उसी समय उस पर आ गया था ! मैं चाहती थी कि कोमल को हटा कर वहाँ मैं लेट जाऊँ !


तो मैंने भाभी से कहा- तो रोका क्यों ? आप भी आ जाती !
तो उन्होंने कहा- कोमल के सामने नहीं कर सकती थी ! इसीलिए तुम्हें रात को बुलाया और कोमल को नहीं।


मैंने कहा- तो यह आपकी कारस्तानी थी?
वो बोली- हाँ ! अगर मैं ऐसा न करती तो तू मुझे कैसे मिलता?
फिर मैंने कहा- अब मैं कोमल को कैसे चोदूँगा?


तो वो बोली- तू मुझे खुश कर दे ! मैं कोमल को मना दिया करुँगी और बदले में तुम्हें मेरे से भी करते रहना होगा !
मैंने तुरंत कहा- ठीक है भाभी जी ! जैसा आप कहें !


उसके बाद हम दोनों ने शुरु कर दिया। मुझसे बिल्कुल भी रूका ना गया, मैंने उन्हें जल्दी से दोनों हाथों से पकड़ा और बिस्तर पर लिटा दिया और अधीर होकर भाभी के होंठों को चूमने लगा। उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और मैं गर्म हो गया। फ़िर तो मैंने प्रगाढ़ चुम्बन भी किया। मेरा लण्ड तो पूरा सख्त हो गया।


उन्होंने भी मेरे मुँह पर बहुत चुम्बन लिए। उनके मम्मे तो कमीज़ में भी थोड़े थोड़े नज़र आ रहे थे। वो भी गरम हो गए और मेरी चूमा-चाटी उन्हें और गरम करती गई। उन्होंने गद्दा सख्ती से पकड़ लिया और मुझे वो सब करने दिया जो मैं करना चाहता था। मैंने उनकी कमीज़ उतारी और अपनी भी। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि उनका चेहरा लाल हो रहा था।
मैंने उनकी सलवार उतारी और उनके बड़े बड़े चूतड़ों को दबाने लगा। उन्होंने अपने पूरे बदन की वैक्सिंग की हुई थी, शायद मेरे लिए खास !


उन्होंने अन्दर एक लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी। फ़िर मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया, क्या मज़ेदार चीज थी उनकी चूत !


उनकी चूत को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उनकी चूत के होंठ भी गुलाबी थे।


मैंने जैसे ही उनकी चूत को छुआ, वो एकदम से कराह उठी। मैंने धीरे से उनकी चूत में ऊँगली डाली और उसके होंठों को रगड़ा ! उनकी चूत बहुत कसी लग रही थी।


फ़िर मैंने उनकी चूत को चूमा और मुझसे रहा नहीं गया, मैं उसकी चूत को चूसने लगा......
वो पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था कुछ इस तरह- ऊऊऊह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़् म्म्म्म्स्स्स प्ल्ज्ज धिरेईईईए!


इतने में मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ, उनका हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था। मैंने अपनी जींस उतार दी और लंड उनके हाथ में दे दिया। फ़िर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और नीचे झुक कर मेरे लंड को चूमा और उसे मुँह में ले लिया। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपोप को चूसता है। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। काफी देर तक उन्होंने मेरा लंड चूसा!


फ़िर हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे और एक दूसरे को चूस रहे थे। वो 2 बार झड़ चुकी थी।
फ़िर उसने मुझसे कहा- प्लीज़, अब बर्दाश्त नहीं होता फक्क मी वैरी हार्ड ! अपना लंड मेरी प्यासी चूत में घुसा दो।


और फिर मैंने कहा- भाभी ! उल्टी हो जाएँ।
उन्होंने मुझसे कहा- पीछे से चोदोगे मुझे?
मैंने कहा- अब कण्ट्रोल नहीं होता।


उनके मम्मे सोफे पर दब गए और मैं और अपना धैर्य खोते हुए भाभी की कमर पर चूमने लगा, उनकी कमर पर हाथ फेरा, उन्हें मज़ा आया। मैं उनकी कमर पर लेट गया और मेरा लंड उनकी योनि से छू गया। फ़िर सीधा करके उनके चुचूकों को चूसना शुरू किया और पैरों को ऊपर की ओर कर दिया और अपना लंड उनकी चूत में डाला।


क्या तंग योनि थी। फिर भी मैंने आसानी से अंदर किया, थोड़ा गया और उन्हें मज़ा आया। वो आह ऽऽ.. ओह ऽऽ.. औरऽऽ और ऽऽ जैसी आवाजें निकाल रही थी। मैंने और जोर लगाया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया, वो चीखी लेकिन उन्होंने मुझे नहीं रोका। मैंने अब अंदर-बाहर, अंदर-बाहर करना शुरू किया।


मैंने उन्हें 20-25 मिनट चोदा, मेरा वीर्य निकल आया और भाभी का भी .. उफ्फ्फ्फ़ क्या दिन था । मैंने सोचा भी न था।


भाभी ने मुझे कहा- अब तुम चूचों के बीच में डालो !
अपना लंड मैंने चूचों के बीच में रख कर आगे-पीछे किया। मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने उनके पूरे जिस्म पर चूमा-चाटी की और फिर कपड़े पहने।


फिर जब भी भैया जाते हैं तो हम दोनों खूब मस्ती करते ! मैंने उनको बहुत बार चोदा !
उसके बाद मैंने कोमल की कुँवारी चूत
भी मारी  ! वो  मैं अपनी नई कहानी में बताऊंगा।

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